पीपल के छाँव, पोख़र के ठाँव,मेरे गाँव को कहना। पीपल के छाँव, पोख़र के ठाँव,मेरे गाँव को कहना।
कुछ जादू तो था उनमें भी बाकी भूल हमारी थी लूट लिया आखिर हमको ही उनकी चौकीदारी थी। कुछ जादू तो था उनमें भी बाकी भूल हमारी थी लूट लिया आखिर हमको ही उनकी चौकीदारी...
खुल जाएंगी परतें छलावों से भरे इस प्यार की। खुल जाएंगी परतें छलावों से भरे इस प्यार की।
मैं भी खिल सकती हूँ बस अपने पास रखो। मैं भी खिल सकती हूँ बस अपने पास रखो।
अब खुद सार समझो कि पुत्र क्या होते है ? वो खुद की परिभाषा लोगों को अपने कर्मों से अब खुद सार समझो कि पुत्र क्या होते है ? वो खुद की परिभाषा लोगों को अपने...
मगर इस बार महीने थे चार फिर भी किया उन्होने आत्मा का व्यापार जान जोखिम में डाल किया मगर इस बार महीने थे चार फिर भी किया उन्होने आत्मा का व्यापार जान जोखिम म...